बुधवार, 8 जून 2011

कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा के लिए मंगलवार की दोपहर 35 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था काठगोदाम पहुंचा

 हल्द्वानी: विश्व विख्यात कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा के लिए मंगलवार की दोपहर 35 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था काठगोदाम पहुंचा। कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा सभी तीर्थ यात्रियों का कुमाऊंनी रीति-रिवाज एवं सांस्कृतिक वाद्ययंत्रों के साथ तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इस दौरान निगम के पदाधिकारियों ने तीर्थ यात्रियों को उनकी पवित्र यात्रा में बेहतर सेवाएं प्रदान करने का भरोसा दिलाया। यहां कुछ देर ठहरने व भोजन के बाद अधिकारियों ने यात्रियों के पहले जत्थे को अल्मोड़ा के लिए रवाना किया जहां से वे रात्रि विश्राम के बाद प्रात: धारचूला के लिए रवाना होंगे।

काठगोदाम पहुंचने पर जोरदार स्वागत से अभिभूत तीर्थयात्रियों ने भगवान शंकर एवं पार्वती माता के गगनभेदी नारे लगाये। इसके अलावा कुमाऊंनी संस्कृति से पहली बार परिचित हो रहे तीर्थयात्री स्वागत के नायाब तरीके को देख आश्चर्यचकित रह गये। यात्रियों को स्वागत, भोजन एवं अल्प विश्राम के बाद अल्मोड़ा के लिए रवाना कर दिया गया।

तीर्थ यात्रियों को स्वागत समारोह के बाद रवाना करते समय कुमाऊं मंडल विकास निगम के वरिष्ठ पर्यटक प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा, करुणा अधिकारी, वीना सुयाल, सुभाष गहलौत आदि अधिकारी मौजूद रहे।

इंसेट:

भगवान को पा लेने जैसी खुशी

पैंतीस सदस्यीय इस तीर्थ यात्री दल के सबसे वरिष्ठ 68 वर्षीय सदस्य कांदिवली मुंबई के शशिकांत गोपाल निवालकर ने कहा कि पिछले चार बार से वे आवेदन कर रहे थे, लेकिन अनुमति नहीं मिल पा रही थी। अब यात्रा पर निकल जाने मात्र से भगवान को पा लेने जैसी खुशी का एहसास हो रहा है। भगवान भोलेनाथ ने मुझे आखिर बुला ही लिया।

तीर्थयात्री दल में शामिल सबसे कम उम्र मात्र 23 वर्षीय प्रद्युम्न कुमार गिरी ने बताया कि भगवान भोलेनाथ में उनकी आस्था रंग लायी। बाबा का आशीर्वाद उनके लिए सौभाग्य बन गया। कहा कि पहले ही आवेदन में उन्हें बाबा के धाम का अवसर मिल गया। अब तो आंखे बस कैलाश पर्वत का दर्शन करने को बेताब हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें