रविवार, 30 जनवरी 2011

काशीपुर का नया चेहरा


Allahabad Bank AGM MN Ojha addressing at occasion of the launching of Spectrum
a शौपिंग complex by Ashish Bulilders and Developers
Prabhat Construction Pvt. Lt.

Launching of the model of Spectrum by
Mr. MS Ojha AGM Allahabad Bank Uttarakhand region,
Tehsildar Kashipur DP Singh and Ashish Gupta during this occasion.


This is the model of SPECTRUM Shopping Complex

काशीपुर में भी अब बड़े नगरों की तरह शौपिंग की सुविधाएँ मिलेगी और इस दिशा में स्पेक्ट्रुम प्रोजेक्ट अपने आप में एक इतिहास बनेगा और आशीष गुप्ता ने आने वाले समय की जरूरतों को पहले ही अनुभव कर लिया है। यह कहा इलाहाबाद बैंक के एरिया जनरल मेनेजर एम् एस ओझा ने। वोह देढ़दूं से यहाँ पर इस प्रोजेक्ट के लौन्चिंग में अतिथि की रूप में आये थे। काशीपुर के चीमा चोराहा पर काशीपुर का नया चेहरा के स्लोगन के साथ आज इस का विधिवत शुभारम्भ हो गया है। मल्टी स्टोरी इस शौपिंग माल में ८४ शोप्स बन रही हैं जिसमे से २४ की सेल हो भी गई है। आशीष गुप्ता ने बताया कि अगले फ़रवरी तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जायेगा। इस मौके पर अनेक प्रोपर्टी डीलर सहित नगर के अनेक गणमान्य मूजूद थे। नामों के लिए कल का समाचार पत्र पड़ लेना ।
प्रेम अरोड़ा

शनिवार, 29 जनवरी 2011

क्या कल काशीपुर आ सकते हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

क्या कल काशीपुर आ सकते हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक यह सवाल और न्यूज़ किसी भी पेपर में नहीं है पर मेरा मन्ना है कि अगर वोह कह्तिमा आ रहे हैं तो काशीपुर को छोड़ कर कैसे निकल सकते हैं ३० को खटीमा में पुष्कर सिंह धामी के यहाँ प्रोग्राम में आना है उधर ३० को ही आशीष बिल्डर के नए प्रोजेक्ट का उद्घाटन जिला अधिकारी महोदय बी वी आर सी पुरुषोत्तम कर रहे हैं ऐसा संभव हो सकता है कि मुख्यमंत्री जी राजीनीतिक प्रोग्राम बना कर आशीष बिल्डर के उद्घाटन में भी शामिल हो जाएँ।

एक ही जगह का प्रोग्राम मुख्मंत्री जी शायद नहीं बनाते इस लिए कल काशीपुर आने की काफी उम्मीद है

शुक्रवार, 28 जनवरी 2011

इस प्रकार काशीपुर में ट्रेफिक कम हो जायेगा

दोस्तों अगर आप काशीपुर से हैं या कभी भी काशीपुर में रहे या कोई भी सम्बन्ध काशीपुर से है तो आपको भी बताना चाहिए कि काशीपुर में क्या क्या होना चाहिए। मसलन जब काशीपुर का बाजपुर रोड वाला गाते बंद हो जाता है तो जाम की क्या हालत होती है। बाज़ार में निकल जाएँ तो कहाँ से निकलें परेशान आप और हम और वोह जो पहली बार काशीपुर आया आखिर इस समस्या क्या का क्या हल है। इसका हल भी हो सकता है। इसके लिए करना होगा कि
१- बाज़ार में अवैध अतिकर्मन नहीं करने देना चाहिए
२- मेन चौराहे पर लगी महाराणा प्रताप की मूर्ती को कही और स्थापित कर दिया जाये और जो अवैध जाम काशीपुर पुलिस द्वारा किया गया है उसको ततकाल तोड़ देना चाहिए।
३- मेन बाज़ार और रतन रोड पर एक तरफ़ा ट्रेफिक होना चाहिए।
४- दुकानदारों द्वारों को अतिकर्मन करने से हटाना चाहिए।
५- ट्रेफिक मेन बाज़ार से अंदर जाये तो रतन रोड से वापिस आये
६- वहां पार्किंग की सुविधा कम पैसे के साथ हो
७- सभी वहां चालक अपनी लाइन में चलें और दूसरी लाइन में ना जाये
८- मेरे एक मित्र ने कहा कि अच्छा है कि आप घर से ही बहार ना निकलें
९- चीमा चौराहा की तरफ से निकलें तो ट्रेफिक कम हो जायेगा और कम ही मिलेगा
१०- कम से कम रेलवे क्रोस्सिंग के इधर उधर जाने की कोशिश करें
११- ट्रेन क्रोस का टाइम नोट कर लें
और जो भी कोई आप का सुझाव हो तो जरूर लिखे
इस प्रकार काशीपुर में ट्रेफिक कम हो जायेगा
प्रेम अरोड़ा

बुधवार, 26 जनवरी 2011

काशीपुर में गणतंत्रता दिवस की खबर आज ही यहाँ पर है

Children in Kashipur Nagar Palika During Independence Day Programme


MP KC singh Baba, MLA Harbhajan Singh Cheema, Chairman Shahmshudeen, Indumaan,
SDM Sher Singh Jangpangi, Mukesh Mehrota etc VIP during the programme.

काशीपुर में गणतंत्रता दिवस की खबर आज ही यहाँ पर है यह दिवस हर वर्ष की तरह इस बार भी धूम धाम से मनाया गया नगर पालिका प्रागं में आयोजित इस प्रोग्राम में यहाँ बचों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किये तो वही इस बार नैनीताल उधम सिंह नगर के संसद के सी सिंह बाबा, कशिउप्र के विधायक हर भजन सिंह सिंह चीमा, पालिका अध्यक्ष शम्शुदीन, इंदु मान, काशीपुर एस डी एम् शेर सिंह जंगपांगी, पूर्व अध्यक्ष मुकेश मेहरोत्रा आदि यहाँ पर थे। रघुनन्दन प्रसाद लोहिया को इस बार प्रदेश के मुख्मंत्री द्वारा भेजा गया प्रशश्ति पत्र भेंट किया गया। बचों ने भी जम कर पेश किये। यह बात अगलग थी के क्षेत्रीय विधायक सरदार हर भजन सिंह चीमा एक बार फिर गणतंत्र दिवस को सवतंत्रता दिवस कह गये। अप्पने २० मिनट के भाषण में उन्होंने काशीपुर के विकास की बात कही।
इस बार खास बात सामने आयी कि तेल फैमिओं द्वारा महाराष्ट्र में की गई हत्या के विरोध में एक मिनट का मौन इसरार अहमद की अपील पर रखा गया जो ३० सेकंड में ख़तम हो गया। इस बार भीड़ काफी कम थी। उधर डिग्री कॉलेज में भी गणतंत्र दिवस पर झंडा रोहन किया गया।

मंगलवार, 25 जनवरी 2011

काशीपुर के प्रसिद्ध तीर्थ दरोंगा सागर को बचाने के लिए आगे आयें।


काशीपुर का मुख तीर्थ स्थल और दर्शनीय सथालों में से एक है तीर्थ द्रोण सागर। काशीपुर यानी गोविशान के समय से ही यह प्रसिद्ध स्थान है। कहा जाता है कि पांडवों ने अगत्वास के समय यहाँ पर रह कर अपने गुरु द्रोण चार्य से निशानेबाजी को सीखा था। इस सम्बन्ध में अनेक प्रमाण मिलते है। इस स्थान पर पहले कभी बहुत ही चहल पहल हुआ करती थे। एक व्याम्शाला थी जिसमे लोग सुभाह सुबह व्यायाम करते थे पर सागर में पानी रहता था एक तालाब था जिसमें पानी रहता था।
पर आज जब आप द्रोण सागर को देखोगे तो आपको दुःख होगा कि क्या यह वोही द्रोण सागर है जो इतिहासिक है। इस समय इसका बुरा हाल है। यहाँ पर अब सिर्फ भीसींडे ही उगाये जा रहे हैं। पुरने से पुराने मंदिर नहस हो रहे हैं। कोई पूछने वाला नहीं। हाँ किसी के दसवें या पीपल पानी में जब लोग इकठे होते हैं तो इस द्रोगना सागर की दयनीय हालत पर चर्चा जरूर करते हैं पर आज के भोतिक यूग में शायद अपनी पुराणी धरोहर को बचने का हमारा पास समय ही नहीं बचा। अगर हम प्रदेश की इस तरह की अमूल्य धरोहर को खोते जायेंगे तो हम खुद ख़तम हो जायेंगे। वैसे भी किसी कौम को मरने के लिए उसकी बोली और उसके बचे हुए चिन्हों को ख़तम कर देने से कौम खुद ही ख़तम हो जाती है। आपसे विनम्र अनुरोध है के काशीपुर के प्रसिद्ध तीर्थ दरोंगा सागर को बचाने के लिए आगे आयें।
प्रेम अरोड़ा
सुनील जोशी

Blue Lights in Night


After 5 day the work was complete and Secretary of Student Union Mayank Mehta is
on the main gate of temple at late night 10.30 pm.
There are Blue eco friendly lights are now in this temple

kashipur College


Work under processing 3rd Day of the work at ma sarswati temple in college

फोटो में इस समय हैं सचिव मयंक मेहता

जब ५ दिन बाद काम ख़तम हुआ तो बिजली की फिटिंग इस मंदिर में कार्ये गई और नीले रंग की लाइट से झालर से इसकी सजावट की गयी। रात को छात्र संघ भी इसी काम में लगा रहा जब कई सालों बाद यह मंदिर जगमगाया तो मदिर के बाहर खड़े हो कर सब ने फोटो खिंचवाई फोटो में इस समय हैं सचिव मयंक मेहता। दोस्तों आप भी काशीपुर की कोई बात शेयर करना चाहते हैं तो इस पोर्टल में में काशीपुर से जुड़े लोंगों को आमंत्रित कर रहा हूँ। आप मुझे में कर सकते हैं।
prem.voi@gmail.com
or sms me on 9045746509

काशीपुर डिग्री कॉलेज


work under processing at kashipur college for Ma saraswati temple

काशीपुर के अनेक ऐसे समाचार जो समाचार पत्रों में आपको देखने को नहीं मिल पाते पर इस ब्लॉग पर जरूर मिल जाते हैं. आज विशेष समाचार है की आपने te वी चैनल की रिपोर्ट में देखा होगा तो काशीपुर डिग्री कॉलेज के प्रागंन में लगी माँ सरस्वती की परितमा को बोरे में बंद कर दिया गया था. ३१ दिसम्बर २०१० को कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर डी एन जोशी जी की प्रेरणा से माँ सरस्वती मंदिर के चरों और यहाँ गमलों द्वारा सजावट की गई है. वहीँ पर अब जब भी कोई कॉलेज वाली सड़क से बाजपुर रोड या नैनीताल रोड पर गुजरता है तो उसे कॉलेज के अंदर नीली लिघ्ट्स जलती दिखाई देती हैं. जानी यह सरस्वती मां का मंदिर अब जगमगा रहा है. और यह काम करवाया गया है छात्र संघ के द्वारा जिसमे अध्यक्ष जगजीत सिंह हैप्पी, उपाध्यक्ष अभिषेक कुमार, सचिव मयंक मेहता, संजुकत सचिव वसीम अकरम, कोषाध्यक्ष विकास कुमार, छात्र उपाध्यक्ष नीमा बिष्ट, विश्व विदाल्या पर्तिनिधि इशांक जैन ने इस काम में काफी योगदान दिया है. इसके ३ फोटो यहाँ पर दिखा रहा हूँ जिससे आपको यह पता चल जायेगा की काशीपुर में माँ सरस्वती का मदिर पहले कैसा था और अब कितना सुंदर दिखर दे रहा है.
प्रेम अरोड़ा
टूरिस्म विभाग काशीपुर

रविवार, 23 जनवरी 2011

दिन में 4 घंटे पढ़ने और लिखने के लिए मेरे फिक्स हैं

कई मित्रों ने मुझसे पूछ लिया कि इतने सारे कामों को कैसे मैनेज करते हो वह भी अकेले। हालांकि मुझे स्वयं भी पता नहीं पर फिर भी हो ही जाते हैं।
प्रति सप्ताह का फिक्स कार्यक्रम हैं। प्रति दिन प्रति घंटा फिक्स है कि कौन से समय में कौन सा काम उचित हो सकता है। मान लो मैंने पड़ना भी है लिखना भी है। साथ में ऑन लाईन भी रहना है और सबसे अधिक जरूरी अपने बिजनैस को भी देखना है। ऐसे में हालांकि काफी मेहनत करनी पड़ती है पर इसे मैनेज कर ही लेता हूं। इसके अलावा सामाजिक कार्यों के लिए जो समय फिक्स कर रखा है वह भी जरूरी है। पूरे दिन में 24 घंटों को मैनेज करना एक सबसे अच्छी कला है। कई बार तनाव भी होता है दिमाग में पर सभी परिस्थितियों को पार पा कर ही सब कुछ कर पाना संभव है। आज मैं पढ़ने संबंधी बात करता हूं कि 4 घंटे मैंने पढ़ने और लिखने को दे रखे हैं। मैं लगभग 2 घंटे पढ़ने के बाद लिखता जरूर हूं और वह भी उसी से संबंधित जो मैं पढ़ रहा होता हूं हां इक्का दुक्का बात अनुभव की स्वयं ही लिखी जाती है। फिर मैं एक घंटा पढ़ता हूं तो उसके बाद जो कुछ लिखना चाहता हूं वह लिख लेता हूं।
यह पढ़ाई चाहे मेरे सिलेबस से संबंधित हो या फिर समाज से संबंधित या किसी भी पत्रिका समाचार पत्र की चर्चा परिचर्चा हो आज इतना ही क्योंकि अब मुझे एक घंटा लायबरेरी के लिए चाहिये जो मेरे घर के अन्दर ही मौजूद है और इसमें काफी पुस्तकें हैं। इन दिनों शांतिकुंज की पुस्तकों के साथ साथ टूरिज़्म से संबंधित पुस्तकों का अध्ययन चल रहा है। जबकि उत्तराखण्ड से संबंधित पत्रिकायों और ऑनलाईन आर्टीकल का अध्ययन भी जारी है।

शनिवार, 22 जनवरी 2011

उत्तराखंड के काशीपुर में आई आई एम् का भूमि पूजन

उत्तराखंड के काशीपुर में आई आई एम् का भूमि पूजन फिर एक बार हवा हवाई साबित हो गया है. सही पूछो तो जब से आई आई एम् की घोषणा काशीपुर में हुई है तभी से अनेक लोक इसको यहाँ लाने का श्रेया लेने में जुट गए हैं. इसी चक्कर में अपने अपने नंबर बढाने के लिए एक दुसरे की टांग खिचाई का काम जरूर चल रहा है. 14 जनवरी को इसके भूमि पूजन सम्बन्धी बड़े बड़े विज्ञापन अख़बारों में दिए गए होर्डिंग लगाए गए. पर अभी तक नहीं पता की आखिर इसका काम कब से शुरू होगा. यहाँ तक अंदर की बात है की कांग्रेस और भाजपा के बीच की टक्कर और भाजपा के कई अंदरूनी कारण आई आई एम् में रुकावट बने हुए हैं. वैसे यह कोई नै बात नहीं पहले भी कई बार हवा हवाई हो चूका है. पता नहीं काशीपुर का नाम राष्ट्रीय पतला पर अंकित होगा और जो काशीपुर के रोअद्वाय्स बस स्टैंड की हालत इस समय है. वोह भी एक रूकावट का काम कर रही है. देखना होगा की शेर आया शेर आया के अनुसार सच मच कब शेर आता है
अपनी फीड बेक भेजे
prem.voi@gmail.com

शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

मुझे पर्यटन विभाग में प्रतिनिधि चुन लिया गया है

दरअसल आप सोचते हैं के में कॉलेज में रोजाना ही क्यों जा रहा हूँ तो आपको बता दूं की हमारे आदरनीय प्रिसिपल डॉक्टर डी एन जोशी ३१ दिसम्बर को कार्य मुक्त हो रहे है. उन्हों ने काशीपुर कॉलेज के लिए इतना अच्छा किया है की हम भी उनकी फरेवेल्ल पार्टी को यादगार बनाना चाहते हैं. यह भी बताना जरूरी है की छात्र संघ काशीपुर में मेरी पूरी टीम चुनी गयी है इस कारण भी रोजाना कॉलेज जा रहा हूँ. ईश्वर ने चाह तो २९ दिसम्बर तक कॉलेज में कुछ और नया होने जा रहा है जैसे
माँ सरस्वती की प्रीतम के चरों और अलुमिनियम और ग्लास फीटिंग
नए नए पोधे फूल और गमले आदि
स्टुडेंट्स के लिए पीने वाली पानी की टंकी का निर्माण
विकलांग स्टुडेंट के लिए व्हेअल कुर्सी और रस्ते का निर्माण
कॉलेज की बल बौन्द्री
तौरिस्म विभाग का जीर्णोद्वार
इस लिए ३१ दिसम्बर यानी जब अंग्रेजों वाला नया साल आयेगा तो तब तक काफ्फी कुछ नया हो जायेगा
मुझे पर्यटन विभाग में प्रतिनिधि चुन लिया गया है

गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर डी एन जोशी जी ३१ दिसम्बर २०१० को कार्य मुक्त

काशीपुर डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर डी एन जोशी जी ३१ दिसम्बर २०१० को कार्य मुक्त हो रहे हैं ऐसे में काशीपुर में विदाई समारोह की युद्ध स्तर par तियारियन चल रही हैं. आज छात्र संघ की एक मीटिंग काशीपुर डिग्री कॉलेज में छात्र संघ परभारी प्रोफेस्सर पी से पाण्डेय से हुई जिस पर विस्तृत चर्चा हुई. इसमें कॉलेज में लगी माँ सरस्वती की मूर्ती के चरों और अलुमिनियम और शीशा लगाने के साथ पानी की टंकी के निर्माण की बात भी की गई. जल्द ही इन मामले पैर कार्यवाही की जायेगी. इस सम्बन्ध में आज दूसरी मीटिंग होगी

बुधवार, 22 दिसंबर 2010

काशीपुर में आज शाम को ३ वाजे से मेला

काशीपुर में आज शाम को ३ वाजे से लिओन क्लब द्वारा अन्धता निवारण मेला लगाया जायेगा. समाचार में निकले पम्फलेट में लीखा हुआ है की यह मेला अन्धता निवारण के लिए है. इसमें कई सारे स्टाल लगाग्ये जायेंगे. और अछि अछि पार्टिया इस मेले की प्रोजोजिग्क हैं. पिछले १० साल से में भी ऐसे मेले देखता आ रहा हूँ पर इन मेलों में मुझे एक ही कमी लगती है की. अगले मेले के दौरान यह नहीं बतया जाता की पिछली बार कितने लोगों के लिए अन्धता निवारण हो गया. इनकी संख्या आदि नही मिल पाती. हाँ यह बात जरूर है की इस तरह के मेलों से काशीपुर वाले एक साथ इकठे जरूर हो जाते हैं जो समाज के लिए जरूरी भी है. काश इस मेले में काशीपुर में अपराधों पर कमी लेन पर भी चर्चा की जाती तो अच्छा होता. फिर भी इस मेले की तियारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं.

मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

काशीपुर में शान्ति छाई रही.

काशीपुर : कल रात जो भी घटना हुई उसको लेकर दिन भर अफवाहों का बाज़ार गरम रहा पर अंदर की बात यह है की दोनों ही पक्ष्या काफी सुलझे हुए हैं ऐसे में आज पूरा दिन बाज़ार खुला रहा और किसी भी तरह की कोई भी बात सामने नहीं आयी. कुछ ऐसे लोग जो काशीपुर समाज के शुभ चिन्तक नहीं हैं उन्हों ने तरह तरह की अफवाहें उड़ने का प्रयास किया पर काशीपुर में शान्ति छाई रही. किसी भी समाचार पटर में इस घटना की खबर नहीं छपी पर जानकार सूत्रों के मुताबिक कल के कुछ बड़े अख़बारों में इसका समाचार छपने वाला है जो सिर्फ काशीपुर इन् पर पड़ने को मिला और प्रकाशित भी हुआ. किसी भी घटना की जानकारी देना हमारा फ़र्ज़ है. हम यह भी प्रार्थना करते नैन की काशीपुर में शान्ति का माहोल बना रहा . कल रात जैसे घटनाकर्म की द्वारा पुन्रावती ना हो पाए.
काल के समाचारों में जो भी छपे उस को महज़ एक मामूली घटना के रूप में लेने की जरुरत है. आप की क्या क्या मानना है अपनी राइ सीढ़ी ब्लोग्पोस्त पर देने की कृपा करें

दीपक वर्मा और अशोक शर्मा के बीच जेल रोड पर विवाद

काशीपुर में देर रात तक व्यापर मंडल प्रेसिडेंट दीपक वर्मा और प्रेस क्लब काशीपुर के अध्क्ष अशोक शर्मा के बीच हुए विवाद को सुलझाने का मामला चलता रहा और आखिर देर रात लगभग ११-३० वाजे मामले को सुलझा लिया गया. किसी बात को लेकर काशीपुर व्यापर मंडल प्रेसिडेंट दीपक वर्मा और अशोक शर्मा के बीच जेल रोड पर विवाद हो गया था. बाद में कोतवाली कशिउर में भारी भीड़ जमा हो गई थी. उपस्थित सभी लोगो ने दोनों पक्षों को समझाना शुरू किया की आपस में समझोता हो जाना चाहिए. एक बार तो सुलह का मौका आ गया फ्री थोड़ी देर में मामला गर्मारा गया. उसके बाद दोनों पक्ष हस्पताल मेडिकल केलिए पहुंचे. यहाँ पर पूर्व राज मंत्री मुकेश मेहरोत्रा ने फिर दोनों पक्षों को समझाया. उसके बाद कोतवाली में आने के बाद दोनों पक्षों के बीच समझोता हो गया. काशीपुर के दोनों ही लोग सभ्रांत परिवारों से हैं. ऐसे में काशीपुर के सभी गणमान्य ने समझाने के कारण यह मामला सुलझा दिया.
मामले की तह तक जाया गया तो पाया गया की जेल रोड पर बनी नै पार्किंग विवाद की वजह बन गई है. जिसको स्थानीय कोतवाली के आर्डर पर पार्किंग में बदल दिया गया है. यहाँ पर लगने वाले मीट मछली और चोव्मीन के ठेले वालों को यहाँ से हटा दिया गया. ऐसे में अशोक शर्मा के बेटे ने विरोध किया जिस पर विवाद बाद गया. कल रात पोलिसे विभाग ने जहाँ लगने वाले ठेलों को यहाँ से डाँडो के बल पर हटा दिया गया . सभी ठेले वालों ने व्यापार मंडल के अध्यक्ष के पास पहुंचे बाद में एक दिन के लिए इन ठेलों को यहाँ पर लगाने की अनुमति दे दी गई. उधर डी एम् उधम सिंह नगर के निर्देश अनुसार कन्या इंटर कॉलेज की दीवार के साथ लगने वाले ठेलों को हटा दिया जायेगा यहाँ पर खुले आम शराब पी जाती है. इसमें स्थानीय कोतवाली की भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं की काशीपुर में इस तरह गुंडा गर्दी करने की हिमत क्यों हो गई.
इस घटना के समभ में यह भी बताना जरूरी है की काशीपुर का जब बस नहीं चला तो मोटर साइकिल को तोडना शुरू कर दिया.

गुरुवार, 4 मार्च 2010

जनभारत मेल होगा उत्तराखंड का सबसे बड़ा ई पोर्टल- 200 से अधिक रिपोर्टर जुड़ेंगे इस पोर्टल के साथ

२०० से अधिक रिपोर्टर जुड़ेंगे जनभारत मेल के आने वाले ई पेपर के साथ। जनभारत मेल हिंदी दैनिक देहरादून से प्रकाशित एक बहुत ही अच्छा न्यूज़ पेपर है। जिसका ले आउट नोर्थ इंडिया में नंबर एक पैर है। १६ पेज के इस दैनिक न्यूज़ पेपर की खास बात यह है कि इसमें उत्तराखंड की हर एक बड़ी छोटी न्यूज़ के साथ साथ वोह ख़बरें भी छपतीं हैं जो अनेक समाचार नहीं छाप पाते। इसी के साथ देहरादून की रात २ बजे तक की सारी घटनाओं की ख़बरें इस समाचार पटर में जरुर होती है और ख़बरों बिना वजह लम्बा छोड़ा खींच कर टू दा पॉइंट होती हैं। लेकिन किसी खबर को रोका नहीं जाता। येही कारन है कि अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ और जनभारत मेल के साथ लाखों पाठक जुड़ चुके हैं। हमारे आने वाले ई पोर्टल में और क्या अदद होना चाहिए। आप अपने सुझाव जरुर मेल करें।
धन्यबाद
प्रेम अरोड़ा
9012043100
prem.janbharatmail@gmail.com
mkt.janbharatmail@gmail.com

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2010

Ramnagar partarkaar Union

Ramnagar Sharmjeevi Unit
By Prem Arora 09012043100
श्रमजीवी पत्रकार यूनियन शाखा ईकाई रामनगर, उत्तराखंड का गठन कर दिया गया है। गणेश रावत अध्यक्ष एवं आसिफ इकबाल महासचिव चुने गये हैं। प्रान्तीय पार्षद के लिये हरीश भट्ट, विनोद पपनै, मुनीष कुमार, प्रभात ध्यानी, आशीष ढौंढियाल, घनश्याम सती को चुना गया। लालकुआं के जीवन जोशी एनयूजे छोड़कर श्रमजीवी में शामिल हुए। कुमाऊं मण्डल विकास निगम विश्राम गृह परिसर में आयोजित संगठनात्मक बैठक के मुख्य अतिथि प्रदेश महासचिव प्रयाग पाण्डे ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। विशिष्ट अतिथि जनकवि बल्ली सिंह चीमा ने मौजूदा समय में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया।

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

काशीपुर में आया आई आई एम् लोग्नो ने बनती मिठाई

काशीपुर। द्वारा जनभारत मेल हिंदी देहरादून
काशीपुर में जैसे ही यह सूचना फैली कि काशीपुर में आई आई एम् की स्थापना होगी तो मिष्ठान वितरण कर एक दुरे को वधाई दी गई। काशीपुर के मुख तिराहे पर काशीपुर के ए एल ऐ हरभाजन सिंह चीमा, पूर्व विधायक राजीव अगरवाल सहित अनेक लोग उपस्थित थे। उधर काशीपुर में नानितल के संसद के से सिंह बाबा ने कहा कि यह लड़ाई उन्हों लड़ी थी और इसका श्रेया कांग्रेस को जाता है। कुमाऊं गढ़वाल चम्बर ऑफ़ कोम्मेर्स ने प्रेसिडेंट राजीव घई ने कहा कि चम्बर की वजह से ही काशीपुर में आई आई एम् की स्थापना हुई है। वकीलों की बार के पर्वकता शालेंदर मिश्रा ने भी लोगों को मिठाई बांटी। कुल मिलकर काशीपुर में ख़ुशी का माहोल है।
जनभारत मेल हिंदी देहरादून से प्रकाशित पर्मुख समाचार पत्र है।

शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

जनपक्ष का हमारा प्यारा कोओरडीनेटर रिकी

जनपक्ष आजकल एक ऐसी पत्रिका जिसने पूरे उत्तराखंड में तहलका मचाया। मैं शुरू से ही इस पत्रिका के साथ जुड़ गया था कारन था रामनगर से गणेश दा का फ़ोन आया था की जनपक्ष एक बड़ा मैगजीन है और तुम जरुर ज्वाइन करो। ओ पी पाण्डेय भाई भी इसी के लिए काम कर रहे हैं। हम बस पकड़ कर देहरादून होटल द्रोण में पहुँच गए। एक रूम में हम रुके सुबह एक मीटिंग थी और साथ में ही एक कॉर्पो रेट टाइप की पार्टी भी थी। इसी दौर में हमारा परचिय जनपक्ष के कोओरडीनेटर रिकी से भी कराया गया। पहली बार ऐसा लगा था की किसी हाउस में काम कर रहें हैं। रिकी को तब करीब से जाना जब जनपक्ष के शाश्त्री नगर गली नंबर चार हरद्वार रोड देहरादून पर पहुंचा। रिकी पूरी जनपक्ष की टीम में सबसे अलग था। सभी को ही ऐसा लगता था। वोह हमेशा मजाक के मूड में रहता था पर अपने काम के लिए काफी गंभीर रहता था। डेस्क के अंदर कभी कभार तू तू में में हो जाया करती थी जो हर एक बड़े संसथान में होती है। मुझे अच्छा नहीं लगता था पर रिकी बीच में आ कर चुटकी जरूर लेता था। और ऐसी मजाक करता था की सब तनातनी छोड़ कर फिर से सहज हो जाते थे। वोह भी ऐसे समय में जब सभी की चहेती पत्रिका का पाठक आशा लगाके रहता था की इस बार का अंक पिछले से भी अच्छा होगा। पर जब किसी भी बड़े संस्थान में माहोल सहज ना हो तो सर्जना भी अच्छी नहीं हो सकती और पाठकों को भी वोह नहीं मिल पाता जिसकी उमीद के साथ वोह अपने दस रुपए खर्च करतें हैं। माहोल सहज हो जाये तो ऐसी सर्जना के पड़ने वाले को दिल को छू जाये। रिकी को कोई कुछ भी कहे वोह बुरा नहीं मानता था वो हमेशा मुस्कराता रहता था शायद यह एक अच्छे कोओरडीनेटर की ड्यूटी होगी। उसकी बात का कोई बुरा नहीं मानता था। ठेठ गडवाली में "भाई साहिब प्रणाम" हिंदी में बोलता था। " में उसे प्यार से "रिकी दा ग्रेट" या "और रिकी डीअर" से ही बुलाता था। राजेन तोद्रिया जी कलम को नतमस्तक होए हुए सभी जनपक्ष के लिए दिन रात एक कर रहे थे। देहरादून से जनपक्ष छपवानी महंगी पड़ी तो नॉएडा में इम पी प्रिंटर्स पर प्रिंट करने का फैसला हुआ। इसी दौरान जनपक्ष डीटीपी डेस्क ने भी बड़ी सैलरी पर और कहीं काम शुरू कर दिया। अब तो रिकी को डी टी पी भी देखना था। मैंने रिकी को कोरेल ड्रा में काम करते हुए देखा तो पुछा की क्या कोरेल द्रव भी आता है। मजाक में बोला कोओरडीनेटर हूँ सब कुछ आना चाहिए। इसी समय में संतोष वर्मा ने जनपक्ष की डेस्क संभाली। हम वर्मा जी कह कर बात करते थे। रिकी कोई भी पेज तियार करता तो जरुर कहता वर्मा जी या अक्सर भाई साहिब देखना तो कैसा बना है। फिर वोह राजेन तोडरिया जी को दिखाता। डेड लाइन के दिन सभी की म्हणत बाद जाती। थापा जी और रिकी की ड्यूटी लगी की वोह तुरंत नॉएडा निकलें।
रिकी हमेशा अपने आप को जनपक्ष के निर्देशक के रूप में आंकता है उसकी दिन रात की मेहनत जनपक्ष के हर एक अंक को पिछले अंक से आगे निकल देती और धीरे धीरे जनपक्ष आजकल लोगो की चहेती पत्रिका बन गई थी। मुझे रिकी की मेहनत रंग लाती दिखी दे रही थी क्यों के में भी वर्मा जे और रिकी के साथ पेज तियार कराने में लग जाता था।
मेरा चुनाव ई टी वी में हो गया और में लखनऊ चला गया। पर जनपक्ष में दो लोगो को फ़ोन हमेशा करता था रिकी को और मनमीत रावत को। लखनऊ, लाकीम्पुर खीरी, पलिया, मेरठ, फर्रुखाबाद से भी में इन्हें फ़ोन जरुर करता था। मुझे पता चला की जनपक्ष के निर्देशक रिकी सहारा समय में डेस्क पर आ गए हैं और मनमीत रावत के साथ साथ कंचन नागर कोटि हिंदुस्तान में।
में भी फर्रुखाबाद से काशीपुर वापिस आ गया और अपने बिज़नस में ध्यान देने लगा लेकिन मनमीत और रिकी से बात होती रही। एक दिन अछंक में देहरादून जाने की सोची और में देहरादून पहुँच कर रात रुक गया। तोदरिया जी के दफ्तर में बैठ कर को फ़ोन मिलाया तो एक घर सदमा लगा। मनमीत ने बताया की रिकी हमें छोड़ कर चला गया है। उसका एक्सिडेंट हो गया है।
रिकी ने अपना एक विजटिंग कार्ड मुझे दिया था जिस पर उसने अपने हाथ से अपना मोबाइल नंबर लिख कर दिया था। वोह कार्ड हमेशा एक निशानी की तरह मेरे पर्स में रहा जो आज भी है। कुछ दिन पहले मैंने अचानक उस नंबर को अपने मोबाइल से मिलाया तो उस पर घंटी गई। आगे से फ़ोन उठा तो मैंने पुछा की क्या यह नंबर रिकी का है। " हाँ बेटा" शायद रिकी के किसी परिवार के मेम्बर की आवाज़ थी। मुझसे आगे कुछ नहीं बोला गया और सिर्फ इतना ही कह पाया "सॉरी अंकल" मैंने मोबाइल काट दिया।
अब जब भी में देहरादून को याद करता हूँ तो सबसे पहले रिकी की याद आती है। वोह रिकी जिसे में "रिकी दा ग्रेट" और "रिकी डीअर" कहा करता था।
कभी कभी मुझे लगता है के जनपक्ष जैसी पत्रिका का निर्देशक रिकी मुझे देहरादून आने के लिए कह रहा है। एक ऐसा निर्देशक जिसका हर एक अंक सुपर हिट होता था।
मैंने ऑरकुट पर सर्च किया तो रिकी जनपक्ष का प्रोफाइल मिला मैंने स्क्रैप किया
"रिकी तू हमेसा हमारे साथ है"

प्रेम अरोड़ा
काशीपुर
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