मंगलवार, 17 मई 2011
नैनीताल के राज भवन को हेरीटेज बिल्डिंग के रूप में घोषित किया जाना जरूरी
राजभवन नैनीताल, दिनांक 17 मई, 2011
शिल्पकला तथा भव्य सौंदर्य के लिए सुप्रसिद्ध राजभवन नैनीताल की ऐतिहासिक इमारत को दीर्घकाल तक उसके मौलिक स्वरूप में बनाए रखने की दृष्टि से राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा ने आज एक बैठक ली। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक महत्व के इस खूबसूरत भवन के दीर्घ कालीन संरक्षण के लिए इसे हैरिटेज बिल्डिंग के रूप में घोषित किया जाना जरूरी है।
लगभग 110 वर्षीय इस भव्य भवन के वाह्य स्वरूप, आन्तरिक प्रकोष्ठ, (कक्षों) साज सज्जा में प्रयुक्त सामग्री (फर्नीचर आदि) को समय के साथ-साथ होने वाले स्वाभाविक क्षरण से बचाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने हेतु राज्यपाल द्वारा लोक निर्माण विभाग के उच्चाधिकारियों को पूर्व में ही निर्देशित किया गया था जिसके क्रम में आज लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्यपाल के समक्ष राजभवन के मरम्मत/पुनर्रचना तथा उच्चीकरण के लिए बनाई गई कार्ययोजना व संस्तुतियों का प्रस्तुतीेकरण किया गया।
कार्ययोजना तथा संस्तुतियों से सहमति व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने निर्देश दिये कि रिस्टोरेशन सम्बन्धी सम्पूर्ण कार्योें को चरणबद्ध क्रम में पूर्ण किया जाना उचित होगा। इसके लिए नई विस्तृत कार्य योजना (क्च्त्) 31 मई तक प्रस्तुत की जाए। प्रथम चरण में मुख्य भवन के वाह्य स्वरूप के संरक्षण तथा प्रिंटिंग प्रेस के मरम्मत कार्य को सम्मिलित किया जाये। उन्होंने राजभवन की प्रिंटिंग प्रेस को चालू करके राजभवन आने वाले पर्यटकों को उस र्प्रिंिटंग प्रेस से ’’राजभवन आगमन’’ का प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्य भवन के कॉरीडोर से पर्यटकों को राजभवन के कक्षों को दिखाने की कार्ययोजना को भी प्रथम चरण में सम्मिलित किया जा सकता है। राजभवन में पर्यटकों को सशुल्क प्रवेश देने के साथ ही सोवेनियर की व्यवस्था तथा पर्यटकों को अन्य सुविधायें दिए जाने पर विचार विमर्श हुआ।
बैठक में राजभवन की ब्रिटिशकालीन विद्युत, अग्निशमन, हीटिंग तथा वैन्टीलेशन, सुरक्षा व्यवस्था अनुश्रवण प्रणाली को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में उच्चीकृत किए जाने की आवश्यकता पर विचार विमर्श के दौरान राज्यपाल ने कहा कि ब्रिटिश कालीन इन उपकरणों को यथास्थान संरक्षित किया जाये। राज्यपाल की अपेक्षा/निर्देशानुसार राजभवन के सम्पूर्ण परिसर, तथा प्रत्येक कक्ष में स्थापित फर्नीचर, सजावटी सामान आदि की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करायी जा चुकी है। सभी सामान आदि का अभिलेखीकरण भी कर लिया गया है।
बैठक में राज्यपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पुनर्रचना/मरम्मत सम्बन्धी सभी कार्य विशेषज्ञों की निगरानी में हों, भवन की मूल संरचना तथा उसमें स्थापित सभी सामग्री को उसके मौलिक स्वरूप में हू-बहू संरक्षित किये जाने के लिए मरम्मत के समय विशेष सावधानी बरती जाए।
वर्तमान में लोकनिर्माण विभाग द्वारा संरक्षित किए जा रहे इस भवन के पुनर्रचना सम्बन्धी कार्यों के लिए शहरी विकास विभाग के माध्यम से भारत सरकार की जे. एन. एन. यू. आर. एम. (जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल मिशन) योजना तथा पर्यटन विभाग से वित्तीय व्यवस्था के प्रयास किये जा रहे हैं, राज्यपाल ने राजभवन मं ल रहे अन्य कार्यां की भी समीक्षा की।
आज की इस महत्वपूर्ण बैठक में सचिव राज्यपाल श्री अशोक पई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव शहरी विकास डा0 रणबीर सिंह, वित्त अधिकारी राजभवन श्रीमती पूनम, कुमाऊँ मण्डल के मुख्य अभियंता लोक निर्माण श्री कैलाश उप्रेती सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा राज्यपाल के परिसहाय श्री वी. के. कृष्ण कुमार उपस्थित थे।
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