मंगलवार, 31 मई 2011

जसपुर-नकली नोट चलाने का प्रयास

जसपुर : पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नकली नोटों के साथ एक युवक को धर दबोचा। पुलिस को अब नकली नोटों को इधर से उधर करने में लिप्त युवक के अन्य साथियों की तलाश है।

निवारमुंडी निवासी नईम सोमवार को धर्मकांटा चौक पर नकली नोट चलाने का प्रयास कर रहा था। इस बीच मुखबिर की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे एक हजार के 15 नकली नोटों के साथ दबोच लिया। एसएसआइ धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि नईम मुरादाबाद से नकली नोट चलाने के लिए यहां लाया था। पूछताछ में उसने अपने कुछ साथियों के नाम भी बताएं हैं। पुलिस उसके साथियों की तलाश में जुट गई है।

काशीपुर : लेखपाल विगत 5 अप्रैल से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर


काशीपुर : वेतनमान उच्चीकृत किए जाने समेत 13 सूत्रीय मांगों को लेकर चलाया जा रहा उत्तराखंड लेखपाल संघ का धरना 56 वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान

13 सूत्रीय मांगों के निस्तारण के लिए प्रदेश के मैदानी तहसीलों के लेखपाल विगत 5 अप्रैल से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर हैं। इस कारण तहसील में स्थाई, जाति प्रमाण पत्र के साथ ही दाखिल खारिज आदि के मामलों का निस्तारण न होने पर जनता त्रस्त हैं। सोमवार को तहसील परिसर में संघ ने आंदोलन तेज करते हुए प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देश पर पांच लेखपाल क्रमिक उपवास पर बैठे। साथ ही मांगों का निस्तारण न होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। इस मौके पर राजीव कुमार, दिलशाद हुसैन, रामकुमार, उदयवीर सिंह, भागमल, नबाब अली, राम सिंह, राजेंद्र सिंह, डालचंद, लेखराज सिंह, प्रेम सिंह, अब्बास अली, नंदप्रकाश आदि मौजूद थे।

सितारगंज : लेखपालों व मैदानी राजस्व निरीक्षकों को पर्वतीय क्षेत्र की भांति वेतन व भत्तों की मांग को लेकर लेखपालों की बेमियादी हड़ताल 56वें दिन भी जारी रही। मंगलवार से पटवारी क्रमिक अनशन शुरू करेंगे। पटवारियों ने लेखपाल संघ के प्रांतीय महामंत्री राधेश्याम पैन्यूली की तरफ से तहसीलदार विवेक प्रकाश को ज्ञापन सौंपा।

गुरुवार, 26 मई 2011

एयर एंबुलेंस पर्वतीय कालोनी में स्थित एक मकान पर जा गिरा


फरीदाबाद - पटना से दिल्ली आ रहा एक एयर एंबुलेंस यहां पर्वतीय कालोनी में स्थित एक मकान पर जा गिरा। हादसे में विमान में सवार दो पायलट और पांच यात्रियों की मौत हो गई। जिस मकान की छत पर विमान गिरा उस परिवार की तीन महिलाओं की भी जान चली गई। बुधवार रात 11 बजे हुए इस हादसे में और लोगों के मारे जाने की आशंका जाहिर की जा रही है।

पूरे समाचार के लिए देखें : http://uttarakhandvichar.com

एयर-ऐंबुलेंस प्लेन दुर्घटनाग्रस्त

फरीदाबाद, 26 मई। फरीदाबाद के सेक्टर-22 के पर्वतीय कॉलोनी में एक एयर-ऐंबुलेंस प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस एयर-ऐंबुलेंस के हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई है। इस प्लेन से एक मरीज को पटना से दिल्ली लाया जा रहा था।

बुधवार, 25 मई 2011

लीची उत्पादन में प्लास्टिक के अनुप्रयोग पर कार्यषाला सम्पन्न

पंतनगर। 25 मई, 2011। विष्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के सभागार में लीची उत्पादन में प्लास्टिक कल्चर की उपयोगिता पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यषाला आज सम्पन्न हुई। इस अवसर पर निदेषक, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र (एन.आर.सी., लीची), मुज्जफरपुर, बिहार, डा. विषाल नाथ पाण्डे; विभागाध्यक्ष, औद्यानिकी, डा. आर.एल. लाल; वैज्ञानिक, एन.आर.सी., लीची, बिहार, डा. एस.डी. पाण्डे; के साथ-साथ परियोजनाधिकारी एवं वैज्ञानिक, परिषुद्ध खेती विकास केन्द्र (पीएफडीसी), डा. सी.पी. सिंह, डा. पी.के. सिंह एवं डा. गंगा जोषी तथा प्रगतिषील कृषक उपस्थित थे।
डा. पाण्डे ने अन्तिम सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लीची की मिठास का आनन्द अधिकाधिक लोग ले सकें इसके लिए किसानों तथा वैज्ञानिकों को मिलकर बागानों में प्रबन्धन बेहतर करना होगा। उन्होंने कहा कि लीची एक ऐसा फल है जिसे देर तक भण्डारित नहीं किया जा सकता और उसे कच्चा भी नहीं तोड़ा जा सकता। वैज्ञानिक इसके देर तक भण्डारण तथा प्रस्संकरण के लिए कार्य कर रहे है ताकि आम आदमी तक लीची तथा उसके उत्पाद पहुंचाये जा सकंे।
इस सत्र में डा. एस.डी. पाण्डे ने पौध रोपण तथा लीची के बागों में छत्र प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लीची के बाग अच्छे फल तभी दे सकते है जब शुरूआत से ही उनकी सही देखभाल की जाय। उनके अनुसार लीची में छत्र प्रबंधन से हम गुणवत्तायुक्त और स्वस्थ फसल ले सकते हैं।
डा. आर.एल. लाल ने लीची की उचित किस्मों के चयन व उनकी समुचित देखभाल पर अपनी बात रखी। इस अवसर पर वैज्ञानिकों ने लीची में फल लगने की प्रक्रिया तथा पोषक तत्व प्रबंधन पर भी विस्तृत जानकारियां दीं। मंचासीन वैज्ञानिकों ने प्रगतिषील किसानों के प्रष्नों के उत्तर भी दिये। डा. पाण्डे ने विष्वविद्यालय के पत्थरचट्टा स्थित नर्सरी तथा फल बागानों का भ्रमण भी किया।


’’राजभवन गोल्फ हाउस सह वन चेतना केन्द्र’’ के पुनरोद्धारित भवन का औपचारिक उद्घाटन

उत्तराखण्ड की राज्यपाल तथा गवर्नर्स गोल्फ क्लब नैनीताल की अध्यक्ष श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा ने आज        ''राजभवन गोल्फ हाउस सह वन चेतना केन्द्र'' के पुनरोद्धारित भवन का औपचारिक उद्घाटन किया। भवन पुनरोद्धार कार्यक्रम के अन्तर्गत पच्चीस हजार लीटर क्षमता की ''वर्षा जल संचयन प्रणाली'' को विकसित किया गया है तथा क्लब भवन में गोल्फर्स के लिए सुविधायें भी उच्चीकृत की गई हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि गोल्फ कोर्स सहित पूरे राजभवन परिसर के प्राकृतिक सौन्दर्य, पर्यावरण व हरीतिमा की निरन्तरता के लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली की व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है इसके लिए गोल्फ क्लब भवन से 200मी0 की दूरी व ऊॅचाई पर भी लभगभ 18 लाख लीटर क्षमता का एक बड़ा जल कुण्ड बनाया जा रहा है, जिससे पूरे गोल्फ कोर्स तथा राजभवन में सिचाई के पानी की कमी को दूर किया जा सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 05 जून को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा इस वर्षा जल संचयन प्रणाली के अन्तर्गत निर्मित जल कुण्ड का उद्घाटन किया जाना प्रस्तावित है।  

2003 से प्रति वर्ष  नैनीताल में आयोजित किये जा रहे गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट-2011 इस वर्ष भी 27, 28 एवं 29 मई को राजभवन गोल्फ कोर्स में आयोजित किया जा रहा है। गोल्फ कैप्टन कर्नल (से.नि.) एस0सी0गुप्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार:-

''नौवें गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामें-2011'' का शुभारम्भ उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा तथा केन्द्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री श्री फारूख अब्दुल्ला द्वारा संयुक्त रूप से 27 मई को प्रातः 7:30 बजे किया जायेगा।

शिल्प तथा प्राकृतिक सौन्दर्य के प्रतीक राजभवन नैनीताल में इस प्रतियोगिता के आयोजन के निम्न प्रमुख उद्देश्य हैंः-

1 गोल्फ प्रेमियों को श्रेष्ठ गंतब्य स्थल की सुविधा उपलब्ध कराना तथा इस विशिष्ट गोल्फ कोर्स के प्रति श्रेष्ठ गोल्फर्स           में जागरूकता उत्पन्न करना।

2. उत्तराखण्ड को ''श्रेष्ठ गोल्फ पर्यटन स्थल'' के रूप में विकसित करना।

विगत वर्ष की भॉति इस वर्ष भी उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग ने मुख्य आयोजक की भूमिका सहर्ष स्वीकार की है। सह प्रायोजकों में ओ.एन.जी.सी., सिडकुल, द एरीगंटन ग्रुप (फेमस ग्राउज), यू0बी0ग्रुप (यूनाइटेड स्प्रिट्स) पीक  एण्ड फाइन एण्ड डेवलपर्स तथा ट्राइडेन्ट ग्रुप शामिल है।

यहां आयोजित टूर्नामेंट की लोकप्रियता व गोल्फर्स की बढ़ती रूचि के परिणाम स्वरूप इस वर्ष भी देश के विभिन्न क्षेत्रों से 160 गोल्फ खिलाड़ी नामांकन करा चुके हैं। इस विशिष्ट गोल्फ कोर्स में खेलने के लिए गोल्फ खिलाड़ियों की बढती रूचि के दृष्टिगत इस वर्ष भी प्रतियोगिता को तीन दिवसों में सम्पन्न किये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसका समापन 29 मई को सायं 4ः00 बजे राजभवन के मुख्य कक्ष में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किये जाने के साथ होगा। 

प्रतिभागियों में अधिकांश एकल हैण्डीकैप (ेपदहंस ींदकपबंच) के हैं। प्रतियोगिताः- 36 होल्स में प्रतियोगी के हैण्डीकैप के तीन चौथाई हैण्डीकैप (3ध्4जी ींदकपबंच) के आधार पर खेली जायेगी। प्रथम दिन 18 होल्स स्टेबल फोर्ड के आधार पर तथा अन्त में चुने हुये प्रतिभागियों में से 9 होल्स पर स्ट्रोक प्ले के आधार पर खेली जायेगी।

गोल्फ मैदान की सीमा के दृष्टिगत सभी प्रतिभागी पहले दिन प्रतिभाग नहीं कर पायेंगे, इस कारण प्रतिभागियों को दो वर्गों में बांटा गया है। प्रत्येक वर्ग पहले दिन 18 होल्स खेलेगा तथा दूसरे दिन चयनित प्रतिभागियों द्वारा 9 होल्स खेले जायेंगे। 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ खिलाड़ियों तथा महिलाओं, 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों तथा 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के युवाओं की श्रेणी अलग निर्धारित की गई है। इस वर्ष राजभवन गोल्फ कोर्स के पास 10 नये गोल्फ सैट्स हैं, जिनमें 8 वयस्कों के लिए हैं। राज्यपाल की अपेक्षानुरूप बच्चों को इस खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए दो सैट बच्चों के लिए पृथक से उपलब्ध कराये जा रहे हैं। प्रतियोगिता के बाद बच्चों को गोल्फ के सम्बन्धी प्रशिक्षण के लिए सत्र आयोजित किया जायेगा।
इस अवसर पर गोल्फ क्लब के वाईस प्रेसीडेंट श्री अशोक, सदस्य श्री कृष्ण कुमार वी.के., मेजर पी.पी.राय चौधरी, संस्थापक सदस्य डा0 वी.के.नौटियाल, टूर्नामेंट व्यवस्था से जुड़े श्री पी.सी. मैठाणी, डा0 एस0 चमोली भी उपस्थित थे।

रविवार, 22 मई 2011

विश्व धरोहर घोषित किये जाने के बावजूद निरीह वन्य जीवों के शिकार

बैलपड़ाव:संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर पिछला साल अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाया गया। यह दीगर बात है कि जब प्रकृति के अस्तित्व पर संकट गहराता है तभी उसके संरक्षण की कवायद शुरू हो जाती है। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने पुन: इस वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय वानिकी वर्ष घोषित किया है। उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में देखा जाये तो यहां की विश्व धरोहर प्रजातियां अनायास ही काल कवलित हो रही हैं। पिछले एक साल के भीतर मानव-वन्यजीव संघर्ष की जो विभीषिका सामने आयी है, उससे वन महकमे के साथ-साथ वन्य जीव संगठनों की परेशानी पर भी बल पड़ गये हैं। विशेषज्ञों को वन्य जीवों के वासस्थल एवं भोजन श्रृंखला चरमराने के संकेत मिले हैँ, जिसका कारण प्रे-बेस पोचिंग एवं बायोटिक प्रेशर माना जा रहा है। उधर शिकारियों व तस्करों का जयामय शेष अलग नासूर साबित हुआ है। प्रकृति के संरक्षण का सीधा सा नियम है कि यदि जैव विविधता की शीर्ष प्रजातियां संरक्षित हों तो उनकी निचली प्रजातियां स्वत: ही संरक्षित रहती है। यहां तो शीर्ष प्रजातियों को जान के लाले पड़े हैं। विश्व धरोहर घोषित किये जाने के बावजूद निरीह वन्य जीवों के शिकार व तस्करी का सिलसिला थम नहीं रहा है। कोसी कारीडोर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे विश्व प्रकृति निधि भारत के समन्वयक डा. केडी काण्डपाल का कहना है कि तराई आर्क लैण्डस्केप के महत्वपूर्ण व संवेदनशील कारीडोर बाधित पड़े हैं†ा विश्व की स्थलीय जैव विविधता की सबसे बड़ी प्रजाति तीन दशक से अलग-अलग सीमित स्थानों पर फंसी है। इससे बड़ा ज्वलंत मुद्दा और क्या हो सकता है। मानव- वन्य जीव संघर्ष की विभीषिका एवं हाथियों का उत्पात इसकी ताजा बानगी है। डा. काण्डपाल ने बताया कि जैव विविधता को संरक्षित रखने के लिए कारीडोर का क्रियात्मक होना जरूरी है। नेचर इंटरप्रिटेनर राजेश भट्ट बताते हैं कि कीटनाशकों एवं उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग तथा नम भूमि क्षेत्रों की कमी से बड़ी संख्या में तितलिया व मधुमक्खी समेत छोटे-बड़े जीव नष्ट हो रहे हैं। जल संरक्षण करने वाली वनस्पति की कमी से जलस्त्रोत सूख चले हैं। ऊंचे सूखे वृक्षों के अभाव में गिद्ध, चील, बाज समेत अनेक पक्षियों के वासस्थल छिन गये हैं। इमारती प्रकाष्ठ एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण साल प्रजाति में सिर्फ प्राकृतिक पुनरोत्पादन होता है किन्तु अधिकांश भूभाग आग की चपेट में आने से पुनरोत्पादन का सिलसिला थम सा गया है। हैरत की बात यह है कि पिछले वर्ष कई स्थानों पर साल बौराया ही नहीं। इस महत्वपूर्ण प्रजाति को बचाने के लिए वन महकमा प्रोजेक्ट एएनआर चलाकर भरपाई की कवायद में जुटा है। उधर वनों की गुणवत्ता घटने तथा लैन्टाना व पार्थेनियम वनस्पति का आच्छादन बढ़ने से टाइगर हैविटाट यूनिट पर सीधा असर पड़ा है। अब भरपाई के चाहे जितने प्रयास किये जाये लेकिन भावी पीढ़ी को तो इसकी बड़ी कीमत चुकानी ही पड़ेगी।

शनिवार, 21 मई 2011

ट्रैफिक को न रोका जाए-ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की नई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को पुलिस से कहा कि उनके काफिले को गुजारने के लिए ट्रैफिक को न रोका जाए। मुख्यमंत्री कालीघाटी स्थित अपने घर से काले रंग की सैंट्रो कार से राइटर्स बिल्डिंग जा रही थीं, उनके काफिले को निकालने के लिए पुलिस ने ए.जे.सी. बोस रोड़ पर स्थित पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के पास ट्रैफिक को रोक दिया। ममता को जब यह पता चला कि अन्य कारों को रोका जा रहा है तो उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों और पुलिसकर्मियों से कहा कि अन्य वाहनों को न रोका जाए और उनकी कार अन्य वाहनों की तरह ही ट्रैफिक सिग्नल का पालन करेगी। ममता की कार ने कालीघाट से राइटर्स बिल्डिंग तक की अपनी यात्रा के दौरान कड़ाई से यातयात सिग्नल का पालन किया। यह सुरक्षाकर्मियों और पुलिस वालों के लिए नई बात थी।

23 मई को जसपुर आएंगे मुख्मंत्री निशंक - बहुद्देशीय शिविर

रुद्रपुर, 21 मई - सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत 23 मई को 10 बजे से नेहरू राजकीय इण्टर कालेज महुवाडाबरा,जसपुर में बहुद्देशीय शिविर आयोजित होगा। 23 मई को जसपुर आएंगे मुख्मंत्री निशंक कार्यकारी जिलाधिकारी वाईके पन्त ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को शिविर के लिये सभी तैयारियां समय से सुनिश्चित करने के साथ ही अद्यतन सूचनाओं के साथ स्वयं उपस्थित रहने के निर्देश दिये है।

इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुये जिला विकास अधिकारी आरसी तिवारी ने वताया कि  शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा स्टाल लगाकर विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी जायेगी । उन्होंने वताया कि शिविर में समाज कल्याण सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं में  पात्र लाभार्थियों के आवेदन प्राप्त कर औपचारिकतायें पूरी कराते हुये स्वीकृतियां दी जायेंगी। स्वास्थ्य विभाग के शिविर में बीमार लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के अलावा मोतियाबिन्द का परीक्षण किया जायेगा तथा विकलांग प्रमाण पत्र जारी होंगे। राजस्व विभाग द्वारा स्थायी निवास , जाति ,आय तथा चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने के अलावा अविवादित भू उत्तराधिकार के मामलों का निस्तारण किया जायेगा। विकास विभाग द्वारा जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र तथा परिवार रजिस्टर की नकल दी जायेगी। शिविर में स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा, कृषि, उद्यान, महिला एवं शिशु कल्याण, समाज कल्याण, उरेडा एवं अन्य सरकारी विभागों के इस क्षेत्र में चल रहे कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार एवं सामानों की बिक्री हेतु स्टॉल लगाने की व्यवस्था की जायेगी ।

गुरुवार, 19 मई 2011

Selected Athletic Team of India

The following Indian Athletics Contingent comprising "14" athletes   "2" Coaches, "1" Masseur and "1" Manager (18 Members) will represent India in the Asian Grand Prix Series 2011 scheduled to be held in Jiaxing on 22nd May 2011, Kunshan on 26th May 2011 and Wujiang on 29th May 2011 all in China.

 

S. No.

Name                               (MEN)

Event

1

Mr. Shameer Mon Naseema Manzile

100m

2

Mr. Kunhu Muhammed Puthanpurakka

400m

3.

Mr. Ghamanda Ram

800m

4.

Mr. Sajeesh Joseph

800m

5.

Mr. Hari Shankar Roy

High Jump

6.

Mr. Jithin Thomas Chenapparambil

High Jump

7.

Mr. Mahan Singh

Long Jump

8.

Mr. Shamsher Partap Singh

Long Jump

9.

Mr. Arpinder Singh

Triple Jump

10.

Mr. Vikas Poonia

Discus Throw

(WOMEN)

11.

Ms. Debashree Majumdar

400m

12.

Ms. Mayookha Johny

Triple Jump

13.

Ms. Seema Antil

Discus Throw

14.

Ms. Suman Devi

Javelin Throw

(OFFICIALS)

1.

Mr. Ranbir Singh

Coach (Sprints)

2.

Mr. G.R. Shyamkumar

Coach (Jumps)

3.

Mr. Noel William Dass

Masseur

4.

Mr. Katikaneni Ranga Rao

Manager

 

 

The team will be leaving Delhi to Shanghai by Flight No. M U 564 (China Eastern Airlines) on 20th May 2011 at 02:30 Hrs.

 

 

(Ravinder Chaudhry)

Officiating Secretary,

Athletics Federation of India

भौर्याल 21 मई को 3.30 बजे रूद्रपुर आयेंगे

रूद्रपुर 19 मई-प्रदेष के चिकित्सा,शिक्षा एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री श्री बलवंत सिंह भौर्याल जनपद भ्रमण पर आ रहे है । निर्धारित कार्यक्रम के मुताविक श्री भौर्याल 21 मई को 1 बजे टनकपुर से प्रस्थान की अपरान्ह 3.30 बजे रूद्रपुर आयेंगे तथा मेडिकल कालेज हेतु निर्माणाधीन भवन के निर्माण कार्यो का निरीक्षण करने के उपरान्त गदरपुर में संचालित किये जा रहे ए.एन.एम प्रषिक्षण केन्द्र का निरीक्षण करेंगे। श्री भौर्याल सायं 6 बजे गदरपुर से कार द्वारा हल्द्वानी के लिये प्रस्थान करेंगे।                         

रूद्रपुर 19 मई- जनता इंटर कॉलेज, रूद्रपुर में शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर जनपद के गैर-आवासीय निजी विद्यालयों की कार्यषाला का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी आरसी आर्य ने कहा कि आरटीई के तहत नॉन-रेजीडेंसीयल निजी विद्यालयों को अपनी न्यूनतम कक्षा में वंचित वर्गों के बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित रखना अनिवार्य किया गया है। वंचित वर्ग में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग(क्रीमिलेयर को छोड़कर), अनाथ,षारीरिक रूप से विकलांग, विधवा या तलाकषुदा माता के बच्चे(वार्षिक आय 80 हजार रूपए से कम हो) समेत कुछ अन्य वर्गों के बच्चों को शामिल किया गया है।
    जिला षिक्षा अधिकारी ने बताया कि षिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी विद्यालयों को अपनी न्यूनतम कक्षा में 25 प्रतिषत दाखिले चिन्हित किए गए वंचित वर्गों के बच्चों मे से करने होंगे। निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन आने पर लाटरी सिस्टम अपनाना होगा। आरक्षित सीटों पर प्रवेष पाए बच्चों की फीस, किताबों, ड्रेस आदि का खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। निजी विद्यालयों के संचालकों से सहयोग का अनुरोध करते हुए जिला षिक्षा अधिकारी ने कहा कि जिन विद्यालयों के प्रतिनिधि कार्यषाला में उपस्थित नहीं हुए हैं उन्हें पत्र भेजकर अगली कार्यषाला में अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करने के लिए निर्देषित किया जाएगा।
    कार्यषाला में अपर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक डीसी सती, अपर जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक एके सिंह, जनता इंटर कालेज के प्रधानाचार्य सतीष अरोरा सहित अनेक निजी विद्यालयों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
                    - - -
जिला सूचना अधिकारी
उधमसिंह नगर।

मंगलवार, 17 मई 2011

पंतनगर लाही एवं सरसों की उत्पादकता में वृद्धि हेतु राष्ट्रीय बैठक का आयोजन

पंतनगर। 17 मई, 2011। पंतनगर विष्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के सभागार में आज पंतनगर के लाही-सरसों अनुसंधान समूह के द्वारा लाही-सरसों अनुसंधान निदेषालय, भरतपुर एवं भारतीय  कृषि अनुसंधान परिषद्, नयी दिल्ली द्वारा चलायी जा रही अखिल भारतीय लाही-सरसों समन्वित शोध परियोजना के तत्वावधान में 'भारत के क्षेत्र द्वितीय एवं तृतीय में लाही-सरसों की उत्पादकता में वृद्धि' विषय पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय मस्तिष्क मंथन बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के उद्घाटन सत्र् में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के सहायक महानिदेषक (फसल विज्ञान), डा. बी.बी. सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सत्र की अध्यक्षता विष्वविद्यालय के कुलपति, डा. बी.एस. बिष्ट ने की। राष्ट्रीस सरसों अनुसंधान निदेषालय, भरतपुर के निदेषक, डा. जे.एस. चौहान भी मंच पर उपस्थित थे। तिलहन वैज्ञानिकों ने लाही-सरसों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता में वृद्धि हेतु संकर प्रजातियों, रोग रोधी एवं कीट रोधी तथा अधिक उपज देने वाली प्रजातियों के विकास पर विषेष बल दिया। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से आये हुए लगभग 50 वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति डा. बिष्ट ने तिलहन अनुसंधान एवं उत्पादन में विष्वविद्यालय के योगदान पर प्रकाष डाला तथा विष्वविद्यालय के तिलहन कार्यक्रम से सम्बद्ध वैज्ञानिकों एवं कार्यकर्ताओं के प्रयासों पर प्रषंसा एवं संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में लाही-सरसों उत्पादन को समुचित स्तर तक ले जाने के लिए इस क्षेत्र में तिलहन अनुसंधान के उपकेन्द्र की स्थापना को आवष्यक बताया।
मुख्य अतिथि डा. बी.बी. सिंह ने फसल सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत नवीनतम तकनीकों के प्रयोग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लाही-सरसों में प्राप्त हो रही उत्पादकता के अंतर को समाप्त करने पर बल दिया।
डा. जे.एस. चौहान ने राजस्थान में लाही-सरसों के बढ़ते हुए क्षेत्रों एवं उत्पादन पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए दूसरे प्रमुख राज्यों, मुख्य रूप से उत्तर प्रदेष, में आने वाले क्षेत्र में विगत वर्षों में आयी हुई गिरावट पर चिन्ता व्यक्त की तथा इस बारे में नवीन रणनीति बनाने पर बल दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों से लाही-सरसों की आनुवांषिक क्षमता में वृद्धि लाने के लिए कहा एवं सरकार द्वारा लाही-सरसों के समर्थन मूल्य में वृद्धि को राष्ट्रीय विकास के लिए आवष्यक बताया।
उद्घाटन सत्र के अंत में पंतनगर के तिलहन कार्यक्रम के समन्वयक, डा. आर.पी. अवस्थी द्वारा कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में विष्वविद्यालय के निदेषक अनुसंधान, डा. महेष कुमार एवं पंतनगर केन्द्र के तिलहन वैज्ञानिक, डा. राम भजन, डा. सी.पी. सिंह, डा. ए.के. तिवारी, डा. अनिल शुक्ला, डा. ऊषा भट्ट, डा. हिमांषु, इत्यादि ने अभिन्न योगदान दिया।

नैनीताल के राज भवन को हेरीटेज बिल्डिंग के रूप में घोषित किया जाना जरूरी


राजभवन नैनीताल, दिनांक 17 मई, 2011

शिल्पकला तथा भव्य सौंदर्य के लिए सुप्रसिद्ध राजभवन नैनीताल की ऐतिहासिक इमारत को दीर्घकाल तक उसके मौलिक स्वरूप में बनाए रखने की दृष्टि से राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा ने आज एक बैठक ली। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक महत्व के इस खूबसूरत भवन के दीर्घ कालीन संरक्षण के लिए इसे हैरिटेज बिल्डिंग के रूप में घोषित किया जाना जरूरी है।

लगभग 110 वर्षीय इस भव्य भवन के वाह्य स्वरूप, आन्तरिक प्रकोष्ठ, (कक्षों) साज सज्जा में प्रयुक्त सामग्री (फर्नीचर आदि) को समय के साथ-साथ होने वाले स्वाभाविक क्षरण से बचाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने हेतु राज्यपाल द्वारा लोक निर्माण विभाग के उच्चाधिकारियों को पूर्व में ही निर्देशित किया गया था जिसके क्रम में आज लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्यपाल के समक्ष राजभवन के मरम्मत/पुनर्रचना तथा उच्चीकरण के लिए बनाई गई कार्ययोजना व संस्तुतियों का प्रस्तुतीेकरण किया गया।

कार्ययोजना तथा संस्तुतियों से सहमति व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने निर्देश दिये कि रिस्टोरेशन सम्बन्धी सम्पूर्ण कार्योें को चरणबद्ध क्रम में पूर्ण किया जाना उचित होगा। इसके लिए नई विस्तृत कार्य योजना (क्च्त्) 31 मई तक प्रस्तुत की जाए। प्रथम चरण में मुख्य भवन के वाह्य स्वरूप के संरक्षण तथा प्रिंटिंग प्रेस के मरम्मत कार्य को सम्मिलित किया जाये। उन्होंने राजभवन की प्रिंटिंग प्रेस को चालू करके राजभवन आने वाले पर्यटकों को उस र्प्रिंिटंग प्रेस से ’’राजभवन आगमन’’ का प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्य भवन के कॉरीडोर से पर्यटकों को राजभवन के कक्षों को दिखाने की कार्ययोजना को भी प्रथम चरण में सम्मिलित किया जा सकता है। राजभवन में पर्यटकों को सशुल्क प्रवेश देने के साथ ही सोवेनियर की व्यवस्था तथा पर्यटकों को अन्य सुविधायें दिए जाने पर विचार विमर्श हुआ।

बैठक में राजभवन की ब्रिटिशकालीन विद्युत, अग्निशमन, हीटिंग तथा वैन्टीलेशन, सुरक्षा व्यवस्था अनुश्रवण प्रणाली को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में उच्चीकृत किए जाने की आवश्यकता पर विचार विमर्श के दौरान राज्यपाल ने कहा कि ब्रिटिश कालीन इन उपकरणों को यथास्थान संरक्षित किया जाये। राज्यपाल की अपेक्षा/निर्देशानुसार राजभवन के सम्पूर्ण परिसर, तथा प्रत्येक कक्ष में स्थापित फर्नीचर, सजावटी सामान आदि की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करायी जा चुकी है। सभी सामान आदि का अभिलेखीकरण भी कर लिया गया है।

बैठक में राज्यपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पुनर्रचना/मरम्मत सम्बन्धी सभी कार्य विशेषज्ञों की निगरानी में हों, भवन की मूल संरचना तथा उसमें स्थापित सभी सामग्री को उसके मौलिक स्वरूप में हू-बहू संरक्षित किये जाने के लिए मरम्मत के समय विशेष सावधानी बरती जाए।

वर्तमान में लोकनिर्माण विभाग द्वारा संरक्षित किए जा रहे इस भवन के पुनर्रचना सम्बन्धी कार्यों के लिए शहरी विकास विभाग के माध्यम से भारत सरकार की जे. एन. एन. यू. आर. एम. (जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल मिशन) योजना तथा पर्यटन विभाग से वित्तीय व्यवस्था के प्रयास किये जा रहे हैं, राज्यपाल ने राजभवन मं ल रहे अन्य कार्यां की भी समीक्षा की।

आज की इस महत्वपूर्ण बैठक में सचिव राज्यपाल श्री अशोक पई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव शहरी विकास डा0 रणबीर सिंह, वित्त अधिकारी राजभवन श्रीमती पूनम, कुमाऊँ मण्डल के मुख्य अभियंता लोक निर्माण श्री कैलाश उप्रेती सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा राज्यपाल के परिसहाय श्री वी. के. कृष्ण कुमार उपस्थित थे।

रविवार, 15 मई 2011

एक क्लिक पे मिलेगी खसरा, खतौनी और नकल की जानकारी उत्तराखण्ड समेत दर्जनों राज्यों ने हस्तलिखित प्रति देने पर लगाया प्रतिबंध

देहरादून। कम्प्यूटर अब तक दफ्तरों ,स्कूलों व अन्य विभागों में अपनी एहम भुमिका बनाये हुये था लेकिन अब इसकी जानकारी किसानों को होना भी जरूरत बन चुकी हैं चंूकि किसान अब अपनी जमीन का ब्योरा पटवारी या कचहरी के चक्कर काट कर नही ,अपितु उन्हे कम्प्यूटर से क्लिक करके लेना होगा।
वो दिन दूर नहीं, जब खसरा, खतौनी और नकल जैसे दस्तावेज बीते जमाने की बात हो जाएं। कचहरी की किच-किच और पटवारी की पट-पट से आपको छुटकारा मिल जाएगा। जमीन जायदाद के ये दस्तावेजी आंकड़े बस कंप्यूटर पर सिर्फ एक क्लिक पर हाजिर होंगे। सभी आंकड़े एक ही जगह और एक ही फाइल में मिल जाएंगे। तहसीलों और कचहरियों के चक्कर लगाकर चप्पलें घिस चुके लोगों को ये ख्वाब लग सकता है, लेकिन अब पूरे देश में यह सब ऑन लाइन होगा। वहां से अपनी जायदाद का ब्यौरा डाउन लोड कर चाहें तो प्रिंट लें या फिर छोटी सी पेन ड्राइव में जमीन के सभी अभिलेखों को सुरक्षित रख सकते हैं।
हालांकि, इस बीच कुछ राज्यों में निगरानी के दौरान मिली अनियमितता के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इस योजना का गहन अध्ययन कराने और इसे गति प्रदान करने का जिम्मा लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मंसूरी को जिम्मा सौंपा है। केंद्र सरकार के इस कदम से जल्दी ही यह योजना परवान चढऩे की उम्मीद बंधी है। वैसे सभी जमीनी दस्तावेज ऑनलाइन होने का पहला चरण पूरा भी हो चुका है। देश के ज्यादातर राज्यों ने अपनी जमीन-जायदाद और उनके नक्शों को डिजिटल रूप दे दिया है।
कई राज्यों ने और आगे बढक़र किसानों को उनकी जमीन की नकल यानी भूमि के आंकड़ों कादस्तावेज हस्तलिखित देने तक पर पाबंदी लगा दी है। किसान को अपनी नकल लेने के लिए कचहरी में नाम मात्र की राशि जमाकर कंप्यूटर से निकला दस्तावेज प्राप्त कर सकता है।
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, गुजरात समेत लगभग एक दर्जन राज्यों ने कंप्यूटर से निकली नकल को वैधानिक मान्यता दे दी है। इन राज्यों ने हस्तलिखित प्रति देने पर प्रतिबंध भी लगा दिया है।
उत्तराखंड ,उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश  समेत 14 राज्यों ने अपने राज्य में भूमि से संबंधित सारे आंकड़ों को इंटरनेट की वेबसाइट पर भी डाल दिया है। धीरे-धीरे लोगों को जमीन का ब्यौरा लेने के लिए लेखपाल, कानून गो, नायब तहसीलदार और तहसीलदार के चक्कर लगाने से फुर्सत मिल जाएगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की मानें तो अंडमान व निकोबार द्वीप को छोडक़र सभी राज्यों में इस योजना पर अमल किया जा रहा है।
नतीजे भी उत्साहजनक हैं, लेकिन कुछ राज्यों ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। मंत्रालय का दावा है कि देश के 141 जिलों में भूमि संबंधी अभिलेखों को शत प्रतिशत आन लाइन कर दिया गया है। देश के 27 राज्यों व केंद्र शासित क्षेत्रों में 4434 तहसील स्तरीय आंकड़ा केंद्र और 16 राज्यों में के 1045 उप मंडल स्तरीय आंकड़ा केंद्रों के 392 जिला स्तरीय आंकड़ा केंद्रों की स्थापना के लिए केंद्रीय मदद बहुत पहले ही जारी की जा चुकी है।


किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत का निधन सुबह 7.20 बजे

मुजफ्फरनगर, 15 मई। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष और दिग्गज किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत का मुजफ्फरनगर में रविवार सुबह लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 76 वर्ष के थे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेद्र मलिक ने बताया कि महेंद्र सिंह टिकैत का निधन सुबह 7.20 बजे मुजफ्फरनगर शहर में सर्कुलर रोड स्थित आवास पर हुआ। वह तीन साल से कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने बताया कि टिकैत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सिसोतिया ले जाया जाएगा और भारतीय किसान मुख्यालय पर सोमवार 11 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा।

बुधवार, 11 मई 2011

काशीपुर : इमरजेंसी एंबुलेंस 108 को जीपीआरएस सिस्टम से जोड़ा

काशीपुर : अब फोन पर 108 एंबुलेंस के लोकेशन के बारे में झूठ नहीं चल सकेगा। फोन करने पर मरीजों को एंबुलेंस की सही लोकेशन व दूरी की सूचना मिलेगी। साथ ही यह जानकारी भी उपलब्ध होगी कि एंबुलेंस कहां, किस सड़क पर और कितनी दूरी पर मौजूद है।

विदित हो कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य इमरजेंसी एंबुलेंस 108 को जीपीआरएस सिस्टम से जोड़ा जाना था। इससे मरीज को बेहतर और त्वरित सेवा उपलब्ध कराई जा सके। लोकेशन का सही पता लग सके। रविवार को एंबुलेंस में जीपीआरएस सिस्टम जोड़ दिया गया। अब सूचना के तुरंत बाद ही एंबुलेंस मरीज के लोकेशन पर रवाना हो जाएगी। बताया गया कि मरीज लेने के लिए रवाना होने से पूर्व एंबुलेंस कर्मी को एक बटन दबाना होगा। जिससे मुख्यालय में रवाना होने का समय रिकार्ड हो जाएगा। इसके बाद जीपीआरएस में मौजूद नक्शे से लोकेशन पता चलती रहेगी। इससे यह भी पता चल जाएगा कि एबुंलेंस कहां, किस सड़क पर और मरीज से कितनी दूरी पर पहुंची है।

गुरुवार, 5 मई 2011

महामहिम राज्यपाल का 6 मई का भ्रमण कार्यक्रम:हरक सिंह रावत 6 मई को काषीपुर से प्रातः 9 बजे रूद्रपुर आयेंगे



रूद्रपुर 05 मई - उत्तराखण्ड की महामहिम राज्यपाल का 6 मई का भ्रमण कार्यक्रम संषोधित हुआ है। प्राप्त संषोधित कार्यक्रम के अनुसार महामहिम राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा अब 6 मई को रेल द्वारा देहरादून से प्रातः 7.10 सीधे हल्द्वानी पहुचेंगी तथा वहां से 11 बजे नैनीताल के लिये प्रस्थान करेंगी।
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रूद्रपुर 05 मई -    प्राप्त कार्यक्रम के अनुसार नेता प्रतिपक्ष हरक सिंह रावत 6 मई को काषीपुर से प्रातः 9 बजे रूद्रपुर आयेंगे। श्री रावत यहां लोनिवि गेस्ट हाउस में 9.30 बजे पत्रकारों से वार्ता करने के बाद अपरान्ह 1 बजे किच्छा में सुरेष अग्रवाल के आवास पर कार्यकर्ताओं से भेंट करेंगे तथा 2 बजे गौरव पड़ाव में नरेन्द्र सिंह चौहान के फार्म हाउस में जायेगे।
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रूद्रपुर 05 मई - मुख्य कृषि अधिकारी पीके सिंह ने वताया कि 7 मई को 11 बजे से विकास भवन में किसान बन्धु बैठक आयोजित की गयी है। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों से विगत बैठक में किसानों द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की परिपालन आख्या के साथ प्रतिभाग करने का आग्रह किया है।

जिला सूचना अधिकारी,
उधमसिंह नगर।
                                                                                             

   

 




















बुधवार, 4 मई 2011

दोरजी के निधन पर सीएम ने दुख जताया

देहरादून। मुख्यमंत्री डॉ$ रमेश पोखरियाल निशंक ने अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दु:ख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री डॉ$ निशंक ने कहा कि यह दु:खद घटना है, जिससे हम सभी आहत हुए है। उन्होंने दुर्घटना में मारे गये अन्य लोगों के प्रति भी गहरा दु:ख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री डॉ$ रमेश पोखरियाल निशंक ने अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के पायलट टी$एस मौमीक के घर पहुंचे जहां उन्होंने दिवंगत के परिवारजनों को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री डॉ$ निशंक ने तत्काल राहत राशि के रूप में दो लाख रुपये परिजनों को देने की घोषणा भी की है।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री डॉ$ रमेश पोखरियाल निशंक ने जनपद नैनीताल के हल्द्वानी निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान दास के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दु:ख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

मंगलवार, 3 मई 2011

डा0 बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने 20 मई तक आख्या प्रस्तुत करने के निर्देष दिये- चीनी मिल प्रबन्धकों को अगले पिराई सत्र के लिये अभी से समयबद्ध तैयारी करने के निर्देष दिये

रूद्रपुर 03 मई - जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी डा0 बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदारों को जनपद की सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्येक मतदेय स्थल का भौतिक सत्यापन कर 20 मई तक आख्या प्रस्तुत करने के निर्देष दिये है। उन्होंने सहायक निर्वाचन अधिकारी एचएस रावत को सत्यापन के लिये चैक लिस्ट तैयार कर अधिकारियों को उपलब्ध कराने के निर्देष दिये। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में स्थानीय विधायक एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक कर उनके सुझावों पर भी गौर करने के निर्देष दिये।
    मतदान केन्द्र/मतदेय स्थलों के सत्यापन के सम्बन्ध में कलक्ट्ेट में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि सत्यापन के समय प्रयास करें कि मतदाताओं को मतदान के लिये 2 कि0मी0 से अधिक दूरी तय न करनी पड़े। विगत निर्वाचन के अनुभवन के आधार पर मतदान केन्द्र के स्थल के भवन के जीर्ण षीर्ण होने तथा घनी आवादी में होने के कारण होने वाली परेषानियों को देखते हुये उसके स्थान पर पास में दूसरा मतदान केन्द्र प्रस्तािवित करें। अधिकारियों को निर्देष दिये कि सत्यापन में मतदेय स्थल के भवन की स्थिति पर गौर करने के साथ ही सुनिष्चित करें कि वहां प्रकाष व्यवस्था,मतदाताओं के लिये स्थान,मतदान कक्ष में प्रवेष एवं निर्गमन के रास्ते तथा रैम्प की समुचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि बृद्ध एवं विकलांगों की कठिनाइयों को देखते हुये कोई भी मतदान केन्द्र भवन की दूसरी मंजिल पर न बनाया जाय । कोई भी मतदान केन्द्र  गैर सरकारी ,धार्मिक व चिकित्सालय भवन में न बनाया जाय। उन्होंने कहा कि किसी भी मतदेय स्थल में 1400 से अधिक मतदाता होने पर उसी भवन में सहायक मतदेय स्थल प्रस्तावित करें।
    जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देष दिये कि एक ग्राम/मजरा/तोक अथवा वार्ड के लिये एक ही मतदान केन्द्र वनाया जाय । यदि मतदेय स्थल में मानक से अधिक मतदाता हों तो उसके लिये भी दूसरा मतदेय स्थल प्रस्तावित करें। किसी मतदान केन्द्र के भवन के नाम में परिवर्तन होने की दषा में उसे भी परिवर्तन में शामिल करें।
    अपर जिलाधिकारी/ उप जिला निर्वाचन अधिकारी विजय चन्द्र कौषल ने वताया कि नये परिसीमन के बाद जनपद में कुल 9 (62-जसपुर,63 काषीपुर,64-बाजपुर,65- गदरुपर,66- रुद्रपुर,67-किच्छा,68- सितारगंज,69-नानकमत्त एवं 70- खटीमा) विधान सभा क्षेत्र हो गये है। उन्होंने वताया कि वर्तमान में जसपुर विधान सभा क्षेत्र में 132,काषीपुर में 143,बाजपुर में 134,गदरपुर में 129,रुद्रपुर में 133,किच्छा में 119,सितारगंज में 112,नानकमत्ता में 8115 तथा खटीमा में 113 मतदेय स्थल हैं। उन्होंने वताया कि पिछले दिनों हुये मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण के बाद जनपद में कुल 872351 मतदाता है जिसमें से जसपुर विधान सभा क्षेत्र में 95114,काषीपुर में 113699,बाजपुर में 104528,गदरपुर में 99039,रुद्रपुर में 110215,किच्छा में 90354,सितारगंज में 87280,नानकमत्ता में 86473 तथा खटीमा में 85649 मतदाता है।
    बैठक में उप जिलाधिकारी काषीपर एसएस जंगपांगी,सितारगंज कैलाष टालिया व बाजपुर पिफंचाराम के अलावा सभी तहसीलदार उपस्थित थे।
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रूद्रपुर 03 मई - जिलाधिकारी डा0 बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने चीनी मिल प्रबन्धकों को अगले पिराई सत्र के लिये अभी से समयबद्ध तैयारी करने के निर्देष दिये। विगत पिराई सत्र में प्राप्त रिकवरी एवं अगले सत्र के लिये तैयारियों की समीक्षा के सिलसिले लिये  कलक्ट्ेट में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रबन्धक  पिछले पिराई सत्र में सामने आयी कठिनाइयों का अध्ययन कर उनको दूर करने का अभी से प्रयास करें ताकि रिकवरी में और सुधार हो सके।
    जिलाधिकारी ने प्रबन्धकों को मिल की मेंन्टीनेंन्स के प्रत्येक कार्य के लिये समय सारिणी तैयार कर  कार्यवार किसी अधिकारी को उत्तरदायी बनाने के निर्देष दिये। उन्होंने निर्धारित समयसारिणी का अक्षरषः अनुपालन करने की हिदायत दी। जिलाधिकारी ने सहायक गन्ना आयुक्त को चीनी मिलों को गन्ना मूल्य के वकाया भुगतान हेतु वांछित अतिरिक्त धनराषि के सम्बन्ध में शासन को पत्र लिखने के निर्देष दिये।
    सहायक गन्ना आयुक्त आरवी वर्मा ने वताया कि विगत पिराई सत्र में काषीपुर चीनी मिल सहित जनपद की चाीनी मिलों में कुल 1200456 कु0 चीनी उत्पादन हुआ है। उन्होंने वताया कि चीनी मिल नादेही की 9.04,बाजपुर की 9.62,गदरपुर की 9.21,सितारगंज की 8.84,खटीमा की 9.62 तथा काषीपुर की 8.98 प्रतिषत रिकवरी रही है। प्रबन्धकों ने वताया कि गन्ना मूल्य के भुगतान के लिये नादेही को 13.53 करोड़,बाजपुर को 10.74,गदरपुर 11.62,सितारगंज को 10 करोड़ रूपये की आवष्यकता है जबकि चीनी मिल किच्छा द्वारा सम्पूर्ण गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है।
    बैठक में अपर जिलाधिकारी विजय चन्द्र कौषल, चीनी मिल किच्छा के प्रधान प्रबन्धक प्रषान्त कुमार,गदरपुर के एनसी जैन, सितारगंज के एके रोहतगी सहित मिलों के कई अधिकारी उपस्थित थे।
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                                  जिला सूचना अधिकारी,उधमसिंह नगर।